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समय स्थिति

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समय कहाँ

रुकता है किसी के लिए 

 

अगर इस समय को

पकड़ भी लू तो क्या

 

छूट रहा है

ये लम्हा मेरे हाथो से 

 

इस लम्हे को 

हाथो मे जकड़ भी लू तो क्या।

 

सारी इच्छा तो 

पूरी नहीं होंगी

 

अगर कुछ को

पूरा कर भी लू तो क्या।

 

रिश्तो के धागे

जरा कच्चे है

 

अगर सबको

पक्का कर भी लू तो क्या।

 

कुछ उलझी

रह गई पहेलियाँ

 

उन सबको

हल कर भी लू तो क्या।

(सुमित लाकरा)

समझ
मनुष्यता जीवन

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