लडाई में बदली एक मीठी सी नोकं झोंक के बाद,
इल्जामो और सफाइयो के उस लम्बे दौर के बाद,
खाना लगी थाली छोड़कर, मुझसे इस कदर मुंह मोड़कर ….जा तो रहे हो।।।
मेरे रोते दिल को देखकर मुड़ तो जाओगे ना…
मैं दरवाजा खुला रखूंगा…तुम… वापस घर तो आओगे ना…।।।
लडाई में बदली एक मीठी सी नोकं झोंक के बाद,
इल्जामो और सफाइयो के उस लम्बे दौर के बाद,
खाना लगी थाली छोड़कर, मुझसे इस कदर मुंह मोड़कर ….जा तो रहे हो।।।
मेरे रोते दिल को देखकर मुड़ तो जाओगे ना…
मैं दरवाजा खुला रखूंगा…तुम… वापस घर तो आओगे ना…।।।