अधूरे होने पर ही पुरे होने का रास्ता तय किया जा सकता है।
जैसे प्यास लगने पर पानी।
भूख लगने पर खाना चाहिए होता है।
उसी तरह अधूरे होने पर तुम्हारे पुरे होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। क्योकि दुनिया से जब व्यक्ति किनारा कर लेता है तब वह व्यक्ति खुद से जुड़ कर पूरा हो जाता है।…… इसलिए एकांत को लाचारी और मानसिक तनाव ना समझे एकांत मे एक बहुत बड़ा रहस्य है खुद से जुड़ने का। अपितु परमात्मा से जुड़ने का……… धन्यवाद 🙏